गुरुवार, 1 मई 2025

सफर ए मुहब्बत

 [4/20, 4:44 PM] surshabdtaaltamasha: 🔻

हां कहने से घबराती है 

ना कहने से कतराती हैं,

दिल से कहती हैं कमबख़्त चुप रह ,

लाज तुझे क्यूं नहीं आती है,

औरत हूं ,यूं हया छोड़ी ना जाए..


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जो आगाज पे खुश होती है  

जो अंजाम से रहे बेखबर   

जो सपनों के पंख लगा उडे 

वो है मुहब्बत,मेरे हमसफ़र,

उड़े तो बस उड़ती ही जाए...।।

सफर ए मुहब्बत....

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प्रीत तो मन की आग मधुर सी

लगे तो बस जलती ही जाए,

जलती आती दुनिया इसमें दुनिया 

सौ सावन भी बुझा ना पाए,

ऐसी दहक जो दिल को भाए...।।

सफर ए मुहब्बत....



🔻इश्क गजब का इक नशा है, 

इश्क़ गजब की एक खुमारी,

किसी ने नसीहत सुनी ही नहीं,

किसी ने अक्ल को ठोकर मारी।

वफ़ा जफा का ये खेल चलता जाए...

🔻मन में स्वप्न कोई बोने लगता है 

मिलन की बाट मन जोहने लगता है,

दिल की बेखौफी की बढ़ने लगती है 

दिल खुद पे काबू खोने लगता है,

मुहब्बत में ऐसा ही होता आए..

सफर ए मुहब्बत ..७

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देखके नजरें चुराने लगती हैं 

लिखके नाम मिटाने लगती है,

धक धक दिल कोई थाम लेती है 

बेचैनी अपनी छिपाने लगती है,

प्रेम की भाषा, प्रेम समझ जाए..

सफर ए मुहब्बत....

©

सफर मुहब्बतों का

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कभी वफाऐं कभी जफाऐं
जाने किसको क्या मिल जाये,
ये सफर है मुहब्बतों का 
रूका कभी ना चलता जाए.... 
सफर ऐ मुहब्बत चलता ही जाए.. ||
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कौन बचा सूरज की अगन से ,
कौन बचा है चलती पवन से 
कौन बचा खारों की चुभन से 
और प्रीत की मीठी तपन से 
तपन ये हममें भी जगती जाए...... 
सफर ऐ मुहब्बत चलता ही जाए |
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किस से और कब हो जाता है 
कैसे और क्यूं हो जाता है, 
हर सवाल से आजाद है ये 
होता है बस हो जाता है, 
प्यार के सवालों का जवाब नहीं पाऐ... 
ऐसी पहेली सबको उलझा....... 
🔻
किसी ने कहा है एक हकीकत 
किसी ने समझा है अफसाना 
जिसने जैसे जी है मुहब्बत 
उसने वैसा ही है जाना.. 
कोई दोज़ख कोई जन्नत बताए.... 
सफर एक मुहब्बत. ...
🔻
कभी श्रद्घा की डगर प्रीत है 
कभी आस्था की गागर है 
कभी निस्वार्थ सा निश्चय है ये 
कभी विश्वासों का सागर है, 
प्यार तपस्या भी तो कहाऐ..... 
कभी......

🔻
जज्बातों के आँगन प्रीत का 
पंछी ठुमक ठुमक चलता है 
ख्वाबों के और आरजूओं के 
मोती चुग चुग कर पलता है 
बडे जतन ये ये पाला जाए......  
सबसे तो ये पाला ना जाए.....
© Ashok Verma 

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